अयोध्या, 20 जनवरी 2024: प्रसिद्ध पुरातत्वविद् सुप्रिया वर्मा ने कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के नीचे किसी मंदिर के होने का कोई सबूत नहीं है।
एक साक्षात्कार में, वर्मा ने कहा “बाबरी मस्जिद के नीचे वास्तव में पुरानी मस्जिदें हैं। नीचे किसी मंदिर का कोई सबूत नहीं है।”
पुरातत्वविद का यह बयान कुछ हिंदू संगठनों के दावों के विपरीत है जो कहते हैं कि 16वीं शताब्दी की यह मस्जिद एक राम मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी।
बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को हिंदू कार सेवकों ने ध्वस्त कर दिया था, जिससे पूरे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच घातक दंगे हुए थे।
हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वर्मा का यह बयान महत्वपूर्ण है जिसमें विवादित अयोध्या स्थल पर राम मंदिर निर्माण की अनुमति दी गई है और मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया गया है।
वर्मा के बयान पर प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। कुछ इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने उनके दावों की पुष्टि की है जबकि दक्षिणपंथी समूहों ने इन्हें खारिज कर दिया है।
विश्व हिंदू परिषद के रामराज ने कहा, “पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की खुदाई से यह साबित हो चुका है कि स्थल पर एक भव्य मंदिर मौजूद था। वर्मा के दावे गलत हैं।”
लेकिन इतिहासकार इरफान हबीब ने वर्मा से सहमति जताई। उन्होंने कहा, “यह कोई ठोस सबूत नहीं है कि बाबरी मस्जिद को मंदिर ध्वस्त करके बनाया गया था। ये दावे केवल पौराणिक हैं।”
अयोध्या विवाद दशकों से भारत में गहरे विभाजन का कारण रहा है। वर्मा के बयान से हिंदू और मुस्लिम समूहों के बीच इस विवादित स्थल पर नया विवाद खड़ा हो सकता है।