30 जनवरी, 2024 को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी मनोज सोनकर की जीत हुई है, लेकिन चुनाव विवादों से घिरा रहा। सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया।
पिछले 12 घंटों के आंकड़ों के मुताबिक, कई ट्विटर यूजर्स ने चुनाव के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ का दावा करते हुए पोस्ट और वीडियो साझा किए। एक यूजर @Puneetvizh ने एक वीडियो साझा किया जिसमें दावा किया गया कि चंडौली में एक दुकान में 300 से अधिक ईवीएम पकड़े गए। @bole_bharat नामक एक अन्य यूजर ने भी एक समान वीडियो साझा किया, जिसमें चुनाव में ईवीएम घोटाले का सबूत होने का दावा किया गया।
यह विवाद चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम की विश्वसनीयता पर बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स का तर्क है कि ईवीएम छेड़छाड़ और हेरफेर के प्रति ज्वलंत हैं, जबकि दूसरों ने उनके उपयोग का बचाव किया है, उनकी दक्षता और सुरक्षा विशेषताओं का हवाला देते हुए।
भारत निर्वाचन आयोग ने अभी तक इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है, और यह देखना बाकी है कि क्या इस पर औपचारिक जाँच होगी। यह विवाद चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और ईवीएम के उपयोग में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर सवाल खड़े करता है।
सारांश में, ईवीएम घोटाले के आरोपों ने बीजेपी की चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत को अविश्वसनीय बना दिया है। जबकि ईवीएम के उपयोग पर बहस जारी है, चुनाव आयोग के लिए इन चिंताओं को दूर करना और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।